Menu
blogid : 13858 postid : 92

धिक्कार है ऐसी सरकार पर जो एक शहीद की शहादत पर भी दो आंसू तक न बहा सकी

मेरे विचार
मेरे विचार
  • 153 Posts
  • 226 Comments

बस अब बहुत हो चुका।आखिर कब तक हम पाकिस्तानी कलाकारों और क्रिकेटरों की मेहमाननवाजी करते रहेंगे और उसके बदले अपने सैनिकों को शहीद कराते रहेंगे।
जम्मू -कश्मीर के पुंछ सेक्‍टर के मेंढर में पाकिस्‍तानी सैनिकों ने कोहरे का फायदा उठाकर गश्‍त कर रहे भारतीय जवानों पर हमला किया और बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए भारतीय सैनिकों के सिर काट दिए। पाकिस्‍तानी सैनिक एक भारतीय जवान का सिर अपने साथ ले गए। ये इस तरह का पहला मामला नहीं है, पिछले साल अमेरिकी ड्रोन हमलों में मारे गए आतंकवादी इलियास कश्‍मीरी ने वर्ष 2000 में एक भारतीय सैनिक का सिर काटकर परवेज मुशर्रफ को पेश किया था। इसके बाद पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन सेनाप्रमुख परवेज मुशर्रफ ने कश्‍मीरी को 1 लाख रुपये का इनाम दिया था। शहीद सौरभ कालिया का शव पाकिस्‍तान ने किस हालत में लौटाया था, ये सभी को मालूम है। शहीद के माता-पिता ने इंसाफ मांगा तो भारत सरकार चुप रही।
जम्मू-कश्मीर के मेंढर में दो भारतीय जवानों पर कायराना हमले करने के बाद पाकिस्तान लगातार हिमाकत कर रहा है। उसके उल्ट भारत सरकार देश में ये संदेश दे रही है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है, लेकिन अफसोस कि उसके हर दिखावे की हवा निकल रही है। पाकिस्तान की हिमाकतों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। पहले उसने भारतीय जवानों की बर्बर हत्या के आरोप नकारे और उल्टा भारत पर दुष्प्रचार का झूठा आरोप मढ़ डाला। इसके बाद मिलिट्री इंटेलीजेंस ने पाकिस्तानी सेना के फोन टैप किए तो पता चला कि वो भारतीय जवानों की शहादत पर हंस रहे थे और एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे। दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाक सरकार पाक साफ होने का दिखावा कर रही, लेकिन बात यहीं तक नहीं थमी। गुरुवार को पाकिस्तान ने पुंछ सेक्टर में भारतीय ट्रकों की आवाजाही बंद कर दी। इससे भारतीय कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ। इस पर झूठे पाकिस्तान ने बहाना बनाया और कहा कि ज्यादा ट्रक आने की वजह से उसने आवाजाही पर रोक लगा दी, लेकिन उसके मंसूबे इसी बात से जाहिर हो जाते हैं कि पाकिस्तान से भारत आने वाले फलों और मेवे के ट्रक गुरुवार को एलओसी पर दिखाई नहीं दिए। इसका मतलब पाकिस्तान ने जानबूझकर अपने ट्रकों को पहले से रोका और फिर भारतीय ट्रकों की आवाजाही बंद कर दी।
क्या भारतीय सीमा में घुसपैठ कर भारतीय जवानों पर हमला करना पाकिस्तानी सेना की सोची-समझी साजिश थी? क्या इसमें हाफिज सईद का भी कोई हाथ था?घटना से एक हफ्ते पहले लश्कर चीफ और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने पुंछ सीमा से लगे एलओसी का दौरा किया था। हाफिज सईद लश्कर की बॉर्डर एक्शन टीम की गतिविधियों को उकसाने के लिए एलओसी आया था। लश्कर की बॉर्डर एक्शन टीम पाकिस्तानी सेना को नियमित रूप से मदद करती है।
सेना के खुफिया सूत्रों के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि नियंत्रण रेखा से घुसपैठ के पीछे पाकिस्तानी सेना का एक बड़ा गेम प्लान था।करगिल जंग के बाद पहली बार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तानी सेना एक बार फिर से आतंकवादियों को एकजुट कर रही है।आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का नियंत्रण रेखा का दौरा उसी प्लान का हिस्सा था।भारत के बंकर बनाने से पाकिस्तान नाराज था और वो इसे युद्धविराम का उल्लंघन मानता है और तभी से भारत की कई चौकियों पर फायरिंग की जा रही है।
आज देश में संसद हमले से लेकर मुंबई हमलों हर जगह ही पाक का ही “नापाक ” हाथ रहा है।कंधार काण्ड के आरोपी से लेकर दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद को पाक ही महफूज रखे हुए है। अबु हमजा को पाक में ही आतंकी ट्रेनिंग मिली। संसद पर हमला पाकिस्‍तान ने ही कराया, मुंबई हमले भी इसी पाकिस्‍तान की देन थे। भारत में नकली नोट भी पाक से ही आते हैं। फिर क्‍यों हम पाकिस्‍तान से मुक्‍त व्‍यापार की बात करते हैं? फिर क्‍यों हम पाक से वीजा समझौता करते हैं? फिर क्‍यों हम उसके साथ क्रिकेट खेलते हैं? फिर हम उस पर भरोसा क्‍यों करते हैं और बार-बार शांति-शांति की भीख मांगकर उसके दुस्‍साहस को क्‍यों बढ़ाते हैं?
देश के लिए शहीद होने वाले लांस नायक हेमराज को सम्मान दिए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका भी शर्मनाक है ।शहीद हेमराज के अंतिम संस्कार में सरकार का कोई नुमाइंदा तो नहीं ही पहुंचा, यहां तक की लाइट का इंतजाम भी नहीं किया गया।जबकि जिले के प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम में हर तरह का ख्याल रखा गया। गांव के लोगों के दिलों में यही टीस थी कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव क्यों नहीं आए थे ? गांव ही नहीं पूरी तलहटी में इस बात को लेकर आक्रोश है कि एक शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सरकार की ओर से कोई नहीं आया। बुधवार रात शहीद हेमराज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अफसर भी एक-एक कर चले गए। अधिकारियों में से किसी ने परिजनों को सांत्वना के दो शब्द नहीं कहे। धिक्कार है ऐसी सरकार पर जो एक शहीद की शहादत पर भी दो आंसू तक न बहा सकी ।

विवेक मनचन्दा,लखनऊ

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply