Menu
blogid : 13858 postid : 97

महंगाई बढ़ाने में महारत हासिल कर चुकी यूपीए सरकार

मेरे विचार
मेरे विचार
  • 153 Posts
  • 226 Comments

महंगाई बढ़ाने में महारत हासिल कर चुकी यूपीए सरकार के पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने ऐतिहासिक फैसले का ऐलान कर दिया है। मोइली ने घोषणा कर दी है कि अब तेल कंपनियां ही डीजल की कीमत तय करेंगी।केंद्र सरकार ने बाजीगरी दिखाते हुए आम आदमी को एक हाथ से राहत पहुंचाई तो दूसरे से छीन भी ली। कहने को तो सरकार ने सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या बढ़ा कर छह से नौ कर दी, लेकिन तेल कंपनियों को डीजल कीमतें तय करने की आजादी देकर महंगाई के दुश्चक्र का एक और द्वार खोल दिया। इसके महंगाई पर दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे।कैबिनेट के इस फैसले के बाद तेल कंपनियां अब हर महीने 40 से 50 पैसे डीजल मूल्य वृद्धि कर सकती हैं।
इसी के साथ यह तय हो गया कि पेट्रोल में आग लगाने के बाद अब डीजल की बारी है। सरकार द्वारा डीजल की कीमत को बाजार के हवाले करने से आम आदमी पर महंगाई की तगड़ी मार पड़ने वाली है।खस्ताहाल रेलवे का घाटा भी बढ़ेगा। डीजल के दाम बढ़ने से अब माल ढुलाई की कीमत बढ़ेंगी। माल ढुलाई की दर बढ़ेगी तो सब्जियां महंगी होंगी और दूध की कीमतों में भी इजाफा होगा। माल ढुलाई के दर में बढ़ोतरी का असर तो फल और अनाज पर भी दिखेगा।डीजल के दाम बढ़ने से किसानों और मजदूरों पर भी इसका असर पड़ेगा। डीजल मशीन से सिंचाई महंगी हो जाएगी। ट्रैक्टर से खेत जोतना भी महंगा हो जाएगा। रोजाना स्कूल, ऑफिस जाने वालों का बस का किराया भी महंगा हो जाएगा।इतना ही नहीं डीजल के दामों में बढ़ोतरी का साइड इफेक्ट्स लोगों की सुख सुविधाओं पर भी दिखेगा। डीजल टैक्सी का किराया महंगा होगा, लिहाजा घूमना फिरना महंगा हो जाएगा। डीजल से चलने वाले जेनरेटर का खर्च बढ़ेगा, लिहाजा पावर बैकअप महंगा हो जाएगा।सरकार तो ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लेगी कि उसने तो डीजल की कीमत बाजार के हवाले कर दी है। अब ये तेल कंपनियों की जिम्मेदारी है, लेकिन आम लोगों पर ये कहर किस कदर बरपेगा, ये तो आनेवाले दिनों में पता ही चल जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी सहित देश के कई विपक्षी दलों ने तेल कंपनियों को डीजल के दाम बढ़ाने की अनुमति देने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे महंगाई बढ़ जाएगी। देश में लोग पहले ही
सरकार की जनविरोधी नीतियों का नतीजा है कि कंपनियां ग्राहकों को राहत देने के बजाय घाटा कम करने की तरफ ज्यादा ध्यान दे रही हैं।जून, 2010 में सरकार के पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने के बाद से डीजल को भी नियंत्रण मुक्त किये जाने की मांग तेजी से बढ़ रही थी। विनियंत्रण के समय डीजल की तुलना में पेट्रोल करीब 26 फीसदी महंगा था। अब भी डीजल से पेट्रोल करीब 42 फीसदी महंगा है।वित्तीय वर्ष 2011-12 में देश का डीजल उपभोग करीब 12 फीसदी बढ़ा।बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले 2011-12 में पेट्रोलिय उत्पादों की बिक्री में 4.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। यह वृद्धि बीते चार वर्षों की तुलना में 2.9 फीसदी की दर से बढ़ी। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल(पीपीएसी) के मुताबिक 2012-2013 में भी डीजल उपभोग में वृद्धि जारी रहेगी।अभी तक केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल और कैरोसिन पर चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में 85,586 करोड़ की सब्सिडी दे चुकी है।52,711 करोड़ का नुकसान अकेले डीजल पर दी गई सब्सिडी से हुए चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में।6.55 फीसदी थी महंगाई दर जनवरी, 2012 में जो सितंबर माह में डीजल के दाम बढ़ने के साथ साल के अंत में 7.23 फीसदी पर पहुंच गई।6.5 फीसदी था आर्थिक विकास दर वर्ष 2011-12 में जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.5 फीसदी और जुलाई-सितंबर तिमाही में यह घटकर 5.3 फीसदी हो गई।
सरकार एक तरफ अगर सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या बढ़ा कर आपको फायदा देने की बात कर रही है, तो मान कर चलिए कि डीजल कीमतों को कंपनियों के हवाले कर अपनी जेब कहीं ज्यादा गर्म कर रही है। सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या तीन और बढ़ा देने से सरकारी खजाने पर मात्र 2000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।लेकिन वास्तविकता में डीजल कीमतों में न्यूनतम एक रुपये की बढ़ोतरी भी सरकार की जेब को दस हजार करोड़ रुपये से मालामाल कर देगी। इस प्रकार सिलेंडर सब्सिडी के 2000 करोड़ के नुकसान के बावजूद सरकार आम आदमी की जेब से आठ हजार करोड़ रुपये निकाल लेगी।
फ़िलहाल तेल कंपनियों को सरकार ने डीजल मूल्य तय करने के अधिकार तो दिए हैं, लेकिन इसकी सीमा तय कर दी है। ऐसे में कंपनियां डीजल मूल्य में बड़े फेरबदल नहीं कर सकेंगी। इसके बावजूद माना जा रहा है कि प्रति माह 50 पैसे तक की वृद्धि भी आगामी महीनों में महंगाई को भड़काने में बड़ा योगदान देगी।डीजल कीमतों में नियमित मूल्य वृद्धि का महंगाई पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।पहले ही महंगाई कि मार से जूझ रहे हैं ऐसे में आनेवाले दिनों में सरकार के इस कदम से आम आदमी कि कमर महंगाई से और दबेगी ही ।
विवेक मनचन्दा ,लखनऊ

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply