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ऐसे बयान केवल वही दे सकता है जिसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया हो

मेरे विचार
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लगता है कांग्रेस के नेताओं का विवादों से चोली दामन का साथ है। अभी हाल ही में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा हिन्दू आतंकवाद पर दिये बयान का विवाद थमा भी नहीं था कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आतंकी हाफिज सईद को ‘साहब’ कहकर विवादों से नाता जोड़ लिया। दिग्विजय सिंह ने हाफिज सईद के नाम के आगे सम्मानजनक सम्बोधन शब्द ‘साहब’ लगाकर कहा कि हाफिज सईद साहब का जहां तक सवाल है, वो तो साफ है कि वे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं। पाकिस्तान हुकूमत उनका संरक्षण कर रही है। यह बात भी साबित है।
उधर दिग्विजय सिंह के इस बयान की बीजेपी ने कड़ी आलोचना की है। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मांग की है कि कांग्रेस अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को बुलाकर सफाई मांगे।इससे पहले भी दिग्विजय सिंह ने आतंकी ओसामा बिन लादेन के लिए भी सम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। दिग्विजय सिंह ने ओसामा को ओसामा ‘जी’ कहकर सम्बोधित किया था।
राजनीति के क्षेत्र में दिग्गी राजा के नाम से विख्यात दिग्विजय सिंह एक तेज-तर्रार नेता हैं।उन्हें रुक्ष स्वभाव की वजह से भी अधिक जाना जाता है। दिग्विजय सिंह के विरोधी उन्हें एक लापरवाह और मुंहफट नेता मानते हैं|दिग्विजय सिंह के विषय में यह मशहूर है कि वह बिना सोचे समझे किसी पर भी कोई भी आरोप मढ़ देते हैं।
वैसे दिग्गी राजा और विवादों का पुराना नाता रहा है ,कभी कभी तो लगता है की वह जानबूझकर सुर्ख़ियों में रहने के लिए ही इस तरह के उल-जूलुल बयान देते रहते हैं ।उनके बयानों पर खुद उनकी पार्टी कांग्रेस तवज्जो नहीं देती है ऐसे में दिग्विजय सिंह के बयान को लेकर कोई भी बहस करना फिजूल ही है।दिग्विजय सिंह मीडिया के मेहरबानी के चलते ही ख़बरों में रहते हैं वरना उन्हें पूछता कौन है?इससे पहले भी दिग्गी राजा अपने बड़बोले बयानों के चलते चर्चा में रह चुके हैं ।उनके कुछ बेतुके बयानों पर जरा नजर डालें तो साफ़ लगेगा कि ऐसे बयान केवल वही दे सकता है जिसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया हो।दिग्विजय सिंह द्वारा हिंदूवादी संगठनों जैसे आरएसएस, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद को आतंकवादी गुट कहे जाने पर भी उन्हें कानूनी पचड़ों में फंसना पड़ा था ।2009 में हुए मुंबई आतंकवादी हमलों में शहीद हुए पुलिस अफसर हेमंत करकरे की हत्या के पीछे इन्हीं हिंदू संगठनों का हाथ होने की बात कहने पर इन्हें लोगों की कड़वी बातें सुननी पड़ीं थी ।
ओसामा-बिन-लादेन की हत्या के बाद अमेरीकी सेना द्वारा उसे जल-समाधि दे दी गई थी, तो ऐसे में अमेरिका के इस कदम को गलत ठहराते हुए दिग्विजय सिंह द्वारा अपने बयान में ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कहना भी आतंकवाद पीडितों और आम जनता को बहुत खटका|
दिग्विजय सिंह ने बाटला हाउस मुठभेड़, जिसमें दो पुलिसवाले शहीद हो गए थे, को भी फर्जी ठहरा दिया था।दिग्विजय सिंह की वार्ता और बयान शैली को लेकर आए दिन कोई ना कोई विवाद खड़ा होता ही रहता है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह बिना सोचे-समझे कुछ भी कह देते हैं। पिछले दिनों दिग्विजय सिंह और ठाकरे परिवार के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई थी । विवाद तब शुरू हुआ जब दिग्विजय सिंह ने ये कहा कि बिहारियों का विरोध करने वाला ठाकरे परिवार खुद बिहार से आया है, इसके लिए उन्होंने ठाकरे परिवार पर लिखी किताब का हवाला भी दिया। दिग्विजय के इस बयान से तिलमिलाए उद्धव ठाकरे ने उन्हें पागल तक कह डाला था शिवसेना का मुखपत्र सामना के हिन्दी संस्करण के जरिए एक बार फिर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा गया था । सामना में एक कॉलम छपा था । इस कॉलम में लिखा था कि दिग्विजय सिंह के पूर्वज अंग्रेजों से धन लेकर लड़ते थे। जबकि ठाकरे परिवार के लिए महाराष्ट्र का आधुनिक इतिहास मराठा उद्धव के साथ रहा है। छत्रपति शिवाजी की सेना में ठाकरे के पूर्वजों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। ठाकरे कुल के पूर्वज शिवाजी की सेना के शूरवीर रहे हैं, जबकि दिग्विजय सिंह का कुल खिंची राजपूतों का है।
दिग्विजय सिंह अपने बयानों से हमेशा सुर्खियां में बने रहते हैं। साल 2012 में भी उन्‍होंने कई ऐसे बयान दिए जिन पर बवाल होते रहे। फिर चाहे बाल ठाकरे के परिवार को बिहारी साबित करने का मामला हो या फिर गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी के वैवाहिक जीवन पर सवाल खड़े करने की बात हो। दिग्‍गी के बयानों से न केवल विपक्षी बल्कि कई बार तो कांग्रेस के ही नेता भी इधर उधर भागते दिखाई दिए।
दिग्विजय सिंह कांग्रेस महासचिव और मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह तो विवादास्‍पद बयान के लिये ही जाने जाते हैं। यहां उनके एक बयान की चर्चा करते हैं। रामदेव के अनशन पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में राजघाट पर बीजेपी सत्याग्रह पर बैठी थी। इस दौरान देशभक्ति के गीत गूंजे तो विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज काफी देर तक झूमीं। इसे लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को नचनियों की पार्टी कह दिया
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर से की थी । एक निजी चैनल को साक्षात्कार देने के दौरान जब सिंह से आज पूछा गया कि ओपिनियन पोल दर्शाते हैं कि मोदी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए काफी लोकप्रिय हैं तब उन्होंने कहा, ‘हिटलर भी काफी लोकप्रिय था।’ दिग्विजय सिंह ने कहा था कि योग गुरु बाबा रामदेव काले धन की वापसी के मामले में केवल स्वांग करते हैं।
(भाजपा) की नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उमा का साध्वी चोला महज दिखावा है, अंदर से वे कुछ और हैं।दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि बजरंग दल और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, इसलिए दोनों को एक सिक्के के दो पहलू माना जा सकता है।गाजीपुर के जमानियां, जगीपुर विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए टिकट बंटवारे से उठे विवाद को खत्म करने के इरादे से कहा कि अगर आप लोगों को लगता है कि कोई गलती मेरी ओर से हुई है, तो मेरे फोटो पर चार थप्पड़ मार लेना, लेकिन कांग्रेस का कार्य करते रहना।
उत्तराखण्ड में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की सभा में जूता उछालने की घटना के पीछे योगगुरु बाबा रामदेव का हाथ होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा था कि योग गुरु बाबा रामदेव यह समझ लें कि जो कुछ वे करवा रहे हैं, जनता उसे देख रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा, यदि टीम अन्ना अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखती है तो सरकार उनका अनशन जबरन तुड़वा सकती है। बातचीत की पहल करते हुए हालांकि दिग्विजय ने कहा कि बातचीत बंदूक की नोक पर नहीं हो सकती। दिग्विजय सिंह का आये दिन उल्टे- सीधे बयान देकर सुर्ख़ियों में रहने का शगल उनकी पार्टी के लिए अक्सर ही शर्मिंदगी कि वजह बनता है और अक्सर ही उनकी पार्टी भी उन्हें नसीहत भी देती रहती है मगर वह हैं कि अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं।

विवेक मनचन्दा,लखनऊ

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