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कैसे बनेंगे नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री?

मेरे विचार
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पिछले काफी समय से प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी,सुषमा स्वराज आदि के नाम मीडिया में खूब उछल रहे हैं।भाजपा के अन्दर तो मोदी के समर्थन में काफी लोग खड़े हैं ।पर मुख्य सहयोगी जद (यू) मोदी के नाम पर सहमत नहीं दिख रही है।नरेन्द्र मोदी के नाम पर बिहार की 40 सीटो वाली सहयोगी जद (यू) भी छिटक जाएगी उसके नेता नितीश कुमार इसकी खुली घोषणा भी कर चुके है अब सवाल उठता है कि नरेन्द्र मोदी का साथ एनडीए नहीं देगा तो प्रधानमंत्री वे बनेंगे कैसे ?
अभी तो चुनाव तक नहीं हुए हैं और हर पार्टी में लोग अपने -अपने नेता को देश का अगला प्रधानमंत्री बनवाने में कगे हैं।दो तीन दिन पहले सपा नेता कुशवाहा जी, मुलायम जी को , तो ‘सामना’ वाले सुषमा स्वराज जी को, तो कल मोदी के दिल्ली विश्विद्यालय में भाषण के बाद, नेता लोग नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवा रहे है।
भाजपा को मानो लग रह है कि दिल्ली में अगली सरकार उसकी ही बनने जा रही है।असलियत तो यह है कि भाजपा कि हालत कांग्रेस से ज्यादा ख़राब है ।देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में ही भाजपा अपनी आखिरी साँसें गिन रही है और वहां इसे कोई संजीवनी देने वाला नहीं है।गत वर्ष उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड,हिमाचल प्रदेश आदि के विधानसभा चुनावों में भाजपा को नुक्सान ही उठाना पड़ा है ।जबकि पंजाब में अकाली दल और गुजरात में सिर्फ नरेन्द्र मोदी के बूते ही सत्ता में वापसी हुई है।देश के दक्षिणी राज्यों में भाजपा की हालत और भी ज्यादा ख़राब है ।गौरतलब बात ये है की आंध्र प्रदेश की 42,केरल की 20, तमिलनाडु की 39 और बंगाल की 42 की कुल 143 लोकसभा सीटो से भाजपा गायब है, इन राज्यों में भाजपा का कोई सहयोगी भी नहीं है।लोकसभा की 543 में 143 हटा दी जाए तब बची हुई 400 सीटों में भाजपा 272 सीट पा लेगी ऐसी संभावना तो नहीं।ऐसे में जब तक भाजपा अपने बूते 200 से ज्यादा सीटें नहीं जीतती तब तक नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना मुश्किल ही नामुमकिन ही है ।
दूसरी तरफ फिलहाल मुलायम और मायवती दोनों ने केंद्र की सरकार को अपना समर्थन जारी रखा हुआ है और इन दोनों की भाजपा के साथ आने की उम्मीदें न के बराबर हैं।मुलायम अपने दम पर 20-30 लोकसभा सीट जीत सकते है।सुषमा स्वराज के नेतृत्व में भाजपा कितनी सीट जीतेगी ये खुद भाजपा नहीं जानती। भाजपा के नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी भाजपा की झोली सीटों से भरने में कामयाब होंगे इसमें भी संशय ही है।क्योंकि अपने राजनीतिक कैरियर में वह भी बड़ी मुश्किल से लोकसभा का चुनाव जीत पाए थे।कुल मिलाकर तो फिलहाल कहीं से भी कोई भी संभवाना ऐसी नजर नहीं आती है कि केंद्र में भाजपा अपनी दमदार चुनौती पेश कर सके ।ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि कैसे बनेंगे नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री?

विवेक मनचन्दा,लखनऊ

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