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सत्‍ता से नजदीकियां रखने वाली सुंदरियों का अंजाम हमेशा बुरा ही होता है

मेरे विचार
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सत्‍ता से नजदीकियां रखने वाली सुंदरियों का अंजाम हमेशा बुरा ही होता है। पिछले कुछ सालों में जिन महिलाओं की कहानियां सामने आईं हैं वो सत्‍ता और राजनेताओं के करीब तो रहीं मगर उनका अंजाम काफी बुरा हुआ। उन्‍हें अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा। तस्‍वीर पर गौर फरमाएं तो इसमें जितनी भी सुंदरियां हैं उनके नेताओं के साथ करीबी रिश्‍ते थे और उन्‍हें इनका खामियाजा भी भुगतना पड़ा।मधुमिता शुक्ला, शेहला मसूद, एएनएम भंवरी देवी, गीतिका शर्मा और अनुराधा उर्फ फिजा जैसी लडकियों के लिए क्या सफेद पोषाकधारी दोषी नहीं हैं ,कुछ मामलों में अदालत ने नेताओं को सजा सुनाई तो कुछ पर मुकदमा अभी जारी है। कुछ की तो अभी पुलिसिया जांच चल रही है। इन सब में सबसे ताजा मामला गीतिका शर्मा और अनुराधा बाली उर्फ़ फिजा का है। दोनों ही माननीयो की ऐयाशी का शिकार बनी है । इस बार क्राइम वाच में सत्‍ता, सुंदरियां और साजिश जैसे गंभीर मुद्दे पर विस्‍तार से चर्चा करते हैं। गीतिका पर कांडा का ग्रहण पिछले दिनों दिल्ली की एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा के जीवन में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा आखिरकार ग्रहण बन गए और उसकी जिन्दगी ले डूबे , कांडा की कंपनी एमडीएलआर की पूर्व एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने 4 अगस्त 2012 की देर रात अशोक विहार फेज-3 स्थित अपने फ्लैट में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। 2 पेज के सुसाइड नोट में गीतिका ने हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और उसी कंपनी की मैनेजर अरूणा चड्ढा पर मानसिक प्रताडना का आरोप लगाया था।
लव, सेक्‍स और धोखे की शिकार एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के सुसाइड नोट के बाद अब पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और उसके बीच रोमांटिक बातों का खुलासा हुआ है। घरवालों के दावे और पुलिस के सबूत कुछ हद तक इसे लव, सेक्‍स और धोखे का नतीजा बता रहे हैं। इन सबके बीच हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही।
बिखर गई चांद की फिजा एक थी फिजा जी हां वो फिजा जिसकी लव स्‍टोरी से शायद पूरा देश वाकिफ है। वो फिजा इस दुनिया से चली गई। जब फिजा को उसका चांद छोड़कर चला गया था तब वो टूटी जरूर थी लेकिन उसने जमाने को यह भी दिखा दिया कि उसमें हिम्‍मत बहुत है। वो बार बार यही कहती रही कि वो हार नहीं मानेगी, लेकिन मोहाली में उसके घर से, जिस तरह उसकी लाश मिली है, ये वाक्या वाकई दर्दनाक है। जमाने के सामने अपने इश्क का इजहार करने वाली फिजा को आखिर कौन सा गम खा गया। दिसंबर 2009 में हरियाणा के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन और राज्य की अतिरिक्त महाधिवक्ता अनुराधा बाली ने धर्म परिवर्तन कर शादी कर ली थी। धर्म परिवर्तन के बाद चंद्रमोहन जहां चांद मोहम्मद बन गए वहीं अनुराधा बाली ने अपना नाम फिजा रख लिया था। जब हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने चांद मोहम्मद बनकर अनुराधा उर्फ फिजा से शादी की तो हरियाणा के सियासी गलिय़ारे में हड़कंप मच गया था। हर तरफ इस बात की चर्चा होने लगी कि आखिर इन दोनों ने शादी क्यों की? सूत्रों की मानें तो दोनों की शादी मजबूरी और परिवार की जानकारी में हुई थी। दोनों में अवैध संबंध पहले से थे। इस दौरान अनुराधा बाली प्रग्नेंट हो गई थी। बच्चे के जन्म से पहले चंद्रमोहन से शादी का दबाव डालने लगी थी। जब बिश्नोई परिवार को अपनी साख संकट में लगी तो उन्होंने जानबूझकर इस शादी के लिए हां भर दिया था। जानकारी के मुताबिक, दोनों ने इस्लाम कबूल कर शादी कर सार्वजनिक ऐलान भी कर दिया। प्यार के कसीदे पढ़ने वाला यह जोड़ा मीडिया में छा गया। शादी के कुछ दिनों बाद फिजा को अबॉर्शन के लिए तैयार किया गया। उसके बाद एक दिन चांद देश से गायब हो गए। बाद में पता चला कि वह लंदन में हैं। वहीं से तलाक भी दे दिया । पिछले दिनों चंद्रमोहन कांग्रेस छोड़कर अपने भाई कुलदीप बिश्नाई की पार्टी हजकां में शामिल हो गए थे। चौकाने वाली बात यह है फिजा की दर्दनाक मौत की खबर सुनकर वो क्‍यों नहीं आया जिसने फिजा के लिये तख्‍तो ताज को भी ठोकर मार दिया था और चंद्रमोहन से चांद बन गया था। उससे भी ज्‍यादा चौकाने वाली बात यह‍ है कि जिस फिजा की मोहब्‍बत, शादी, झगड़ा और तलाक सुर्खियां बनी उसके मौत की खबर सामने तब आई जब फिजा के लाश की बदबू फिजा में फैलने लगी। एक्‍सपर्ट टीम ने शव को देखते ही बता दिया कि फिजा की मौत 4 या 5 दिन पहले हो चुकी थी। उसके शव में कीड़े पड़ चुके थे।
रहस्य से घिरी इस मौत ने कई सवाल पीछे छोड़ दिए, फिजा की मौत नेचुरल डेथ है, खुदकुशी है या फिर कत्ल? अगर नेचुरल डेथ है तो वजह क्या रही? क्या हार्ट अटैक या कोई दूसरे ऑर्गन फेलियर से मौत हुई या फिर किसी बीमारी की वजह से? अगर ये फिजा ने खुदकुशी की तो उसने ये कदम क्यों उठाया? क्या नाकाम मोहब्बत ने उसे खुदकुशी के लिए मजबूर किया? क्या वो जिंदगी के अकेलेपन से निराश हो चुकी थी? फिजा का अगर कत्ल हुआ तो क्यों और किसने किया? क्या एक नेता की मोहब्बत उसकी जिंदगी पर भारी पड़ गई? क्या सियासी दुश्मनी के चलते उसका कत्ल किया गया या फिर दौलत के लिए किसी ने फिजा को खत्म कर दिया? फिजा का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों के की मानें तो फिजा के शव पर किसी बाहरी चोट के निशान नहीं मिले।
सत्‍ता में सुंदरियों का नशा और अंजाम भंवरी देवी राजस्थान के जिले जैसलमेर में मॉडल से नर्स बनी भंवरी देवी के हत्‍याकांड ने पूरे देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था। पहले सेक्‍स फिर ब्‍लू फिल्‍म की सीडी बनाकर ब्‍लैकमेल करने की बात को लेकर भंवरी देवी की हत्‍या कर दी गई। उसके शव को चूना बनाने वाले भट्ठे में फेंक दिया गया था। 2001 में कांग्रेस एमएलए मल्खान सिंह बिश्नोई के संपर्क में आई और बाद में राजस्थान के वॉटर रिसोर्स मिनिस्टर महिपाल मदेरणा के संपर्क में। भंवरी ने मदेरणा और बिश्नोई दोनों के साथ अश्लील सीडी तैयार की और दोनों को ब्लैकमेल करती रहीं। 1 सितंबर 2011 में भंवरी लापता हो गई। 2 दिसंबर को मदेरणा कैबिनेट से बाहर हुए और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मदेरणा अभी भी जेल में हैं और भंवरी केस पर हाल ही में 7 अगस्त को कोर्ट में सुनवाई हुई है।सीबीआई ने जब भंवरी के बैंक एकाउंट को खंगला तो उसके होश उड़ गये। भंवरी देवी के बैंक लॉकर से सैकड़ों सीडियां बरामद हुई जिसमें राजस्‍थान के बड़े नेता और अधिकारियों के आपत्तिजनक फिल्‍म थे। इतना ही नहीं राजस्‍थान के बड़े नेताओं के साथ भंवरी देवी फॉरेन टूर पर भी जा चुकी थी। मगर भंवरी का अंजाम क्‍या हुआ यह पूरा देश जानता है। शेहला मसूद भोपाल की समाजसेवी और आरटीआई ऎक्टिविस्ट शेहला मसूद की 6 अगस्त 2011 को उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मर्डर की सुपारी देने वाली महिला आर्किटेक्ट और शहेला की दोस्त जाहिदा परवेज समेत चार लोग पुलिस हिरासत में हैं। सीबीआई का कहना है कि हत्या की वजह भाजपा विधायक ध्रुव नारायण सिंह से शेहला के सम्बन्ध होने बने। इसी वजह से जाहिदा ने शेहला के मर्डर की सुपारी दी थी। नैना साहनी नैना साहनी के हत्याकांड को देश भर मं तंदूर कांड के नाम से ख्याति मिली, क्योंकि नैना साहनी की हत्या के बाद शव को एक तंदूर में जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी। कांग्रेस के पूर्व नेता रहे सुशील शर्मा की पत्नी नैना साहनी एक पायलट थीं। सुशील शर्मा ने अवैध संबंधों के शक में अपनी पत्नी नैना साहनी की गोली मारकर हत्या करके शव के कई टुकडे कर दिए थे और उन टुकडों को दिल्ली के एक रेस्त्रां में तंदूर में झोंक दिया गया था। 7 नवंबर, 2003 को सुशील को फांसी की सजा सुनाई गई। फिलहाल, सुशील की अपील सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। मधुमिता शुक्‍ला- कवयित्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कालोनी में गोलीमार कर हत्या कर दी गयी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वह गर्भवती बतायी गई थी। उसका और तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी से मधुमिता के काफी करीबी रिश्ते थे। बताया जाता है कि मधुमिता मां बनने वाली है यह बात जैसे ही अमरमणि को पता चली उसने अपनी पत्नी संग मिलकर उसकी हत्या करवा दी। क्योंकि मधुमिता को अमरमणि के काले कारनामों का पता था, उसने धमकी दी थी कि अगर वो उनसे शादी नहीं करते तो उनके सारे राज उगल देगी। जिसके बाद मधुमिता को खुद खतरनाक मौत मिल गयी। हालांकि थोड़ा देर से सही लेकिन अमरमणि और उसकी पत्नी को उनके किये की सजा मिली और उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास मिला। शशि प्रसाद फैजाबाद से लॉ स्‍टूडेंट शशि भी एक मंत्री आनंद सेन के प्रेम के चंगुल में फंस गयी थी। जिसका खामियाजा भी शशि को अपनी दर्दनाक मौत से चुकाना पड़ा। 22 अक्टूबर 2007 को फैजाबाद से अपने घर से गायब हुई शशि के बारे में लंबी छानबीन के बाद पता चला कि उसकी हत्या कर दी गयी है। शशि के पिता एक राजनीतिक कार्यकर्ता थे। राजनीतिक पृष्ठभूमि के परिवार की तेज तर्रार शशि की आंखों में विधानसभा से चुनाव लड़कर विधायक बनने का सपना था। और इस सपने को साकार करने का सपना शशि को दिखाया खुद आनंद सेन ने। और इसी सपने के जरिए शशि आनंद सेन के करीब होती चली गई। और नतीजा हुआ उसकी दर्दनाक मौत। फिलहाल आनंद सेन को सजा हुई और वह जमानत पर बाहर भी निकल आये हैं मगर आजतक शशि का शव बरामद नहीं हो सका। कविता रानी- मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की प्रवक्ता कविता रानी बुलंदशहर स्थित घंसुरपुर गांव में दीवाली की छुट्टी बिताकर 23 अक्टूबर 2006 को मेरठ के लिए रवाना हुई थी, लेकिन वह इंदिरा गांधी वर्किंग विमिन हॉस्टल नहीं पहुंची। उसका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ हो गया था। इस संबंध में कविता रानी के भाई सतीश ने हॉस्टल पहुंचकर पता किया तो उसके कमरे के दरवाजे पर ताला लगा मिला था। सतीश ने 31 अक्टूबर 2006 को बुलंदशहर स्थित स्याना कोतवाली में कविता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बाद में स्याना पुलिस ने मामला मेरठ पुलिस के पास स्थानांतरित कर दिया था। पुलिस ने मेरठ स्थित हॉस्टल में कविता के कमरे का ताला उसके भाई सतीश की मौजूदगी में तोड़ा था। जहां धमकी भरे लेटर और एक डायरी मिली थी। जिसमें कुछ राजनेताओं के नाम और नंबर थे। पुलिस ने रवींद्र प्रधान, सुलतान, योगेश, अशोक और रवींद्र को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद कुछ राजनेताओं के नाम भी उछले थे। जिसकी वजह से राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया था। और भी है मामले यूं तो पराई नार के साथ सेक्स व आशिकी के किस्से नेताओं की संख्या से ज्यादा हैं पर यहां केवल उन चर्चित कांड का ब्यौरा दिया जा रहा है जो राजनीति में बेहद चर्चित रहे।2010 में यूपी में आनंद सेन और कर्नाटक के मंत्री एच हलप्पा को सेक्स स्कैंडल में फंसने के कारण पद से हटना पड़ा।2009 में केरल के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता 57 वर्षीय आर उन्नीथन सेक्स पार्लर चलाने के मामले में पकड़े गए। उनके साथ एक मूवी स्टार तक अंदर गईं। पार्टी से छुट्टी हुई। राजनीति खत्म हुई और जेल की हवा अलग से खाई।सबसे ज्यादा दिलचस्प मामला तो जुड़ा है नारायण दत्त तिवारी के साथ। आंध्र प्रदेश में गवर्नर थे। जनाब की 86 साल की उम्र होने के बावजूद दिसंबर 2009 की सर्दियों में तीन औरतों के साथ उजागर हुए सेक्स टेप ने शेप ही बिगाड़ दी। आधे घंटे तक एक तेलुगू चैनल पर जब तिवारी की कथित रासलीला का प्रसारण किया जा रहा था तो इसकी गूंज पूरे हिंदुस्तान में सुनी गई। पद से इस्तीफा देना पड़ा। जलालत झेलनी पड़ी। उम्र की दुहाई काम नहीं आई क्योंकि पंडित जी के बारे में ऐसे किस्से तबसे हैं जबसे वो राजनीति में चमकना शुरू हुए थे। किसी को उनकी बात पर यकीन नहीं आया था। आज एन डी तिवारी अपने घर तक सिमट कर रह गए हैं।2009 के आम चुनाव में सांसद जयाप्रदा पर स्कैंडल के छींटे पड़े। आरोप आजम खां पर लगे। नंगी तस्वीरें जनता में जमकर बांटी गई ताकि जया चुनाव हार जाए। जयाप्रदा की ओर से दलील दी गई कि सब उन्हें हराने के वास्ते है। जनता को औरत के आंसू सही लगे। नतीजा उनके फेवर में गया।2008 में उड़ीसा के मंत्री मनमोहन सामल को पद से हटना पड़ा। आरोप वही सेक्स स्कैंडल में फंसने का। जांच से भी पता चला कि वो सेक्स स्कैंडल में शामिल थे। राजनीति से ही पत्ता गोल हो गया। 0-2006 का जम्मू-कश्मीर स्कैंडल सबको याद है। तमाम अफसर, नेता और पुलिस अधिकारी उसकी जद में आ गए थे। जमकर हिंसा हुई थी। मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तक उसकी आंच पहुंची थी। खैर किसी तरह घाटी शांत हुई। पर आज तक लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है।2005 में संघ नेता और बीजेपी के ताकतवर महासचिव संजय जोशी की तूती बोलती थी। अपनों ने ऐसा फंसाया। एक सीडी में ऐसा लपेटा कि स्टिंग की रिंग में नाचते नजर आए। पद गया। नाम गया। किसी तरह अब फिर राजनीति की पारी खेलने उतरे हैं। 0-2003 में उत्तराखंड के एक मंत्री और कदावर नेता हरक सिंह रावत को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। एक असमी महिला के साथ नाजायज रिश्तों से जन्में एक बच्चे को लेकर विपक्ष ने इतना हल्ला मचाया था कि पहाड़ की राजनीति अरसे तक गरम रही।2003 में ही एक कांड उत्तरप्रदेश में हुआ था। कैबिनेट मंत्री थे अमर मणि त्रिपाठी। माननीय का चक्कर मधुमिता शुक्ला से था। हत्या हुई और जांच की आंच अमरमणि को जेल तक ले गई। अब तक अंदर हैं।1999 में लालू यादव सत्ता में थे। बिहार में उनकी धमक थी। उनके दोनों साले भी पावर में थे। खासकर साधु यादव। कांड हुआ शिल्पी जैन और गौतम सिंह हत्याकांड का। कार में लाश मिली। पटना के व्हाइट हाउस से जुड़े इस मामले को वहीं दबा दिया गया। साधु भी लपेटे में आए पर बस इतना ही कि उनका नाम इससे जुड़ा। ताकत साथ में थी। मामला दब गया । 2003 में सीबीआई ने भी फाइल बंद कर दी। आत्महत्या कहकर। वरना कौन नहीं जानता किसने ये कांड किया था? 0-लालू के ही राज में एक फिल्मी अभिनेत्री पहली बार पटना आई। गेस्ट हाऊस में तमाम नेताओं ने पहले उसका डांस देखा और फिर। इसके बाद बरसों तक इस अभिनेत्रा का पता ही नहीं चला। अब कहीं जाकर मां के रोल में यदा कदा नजर आती हैं।1998 में उड़ीसा के मुख्यमंत्री थे जे बी पटनायक। कांग्रेसी कल्चर के ही थे। दो वरिष्ठ अफसरों ने एक शपथ पत्र में उन्हें स्कैंडल में लपेट डाला। इतनी छीछालेदर हुई कि नाम बचाना मुश्किल हो गया।1997 में केरल में मुस्लिम लीग के बड़े नेता पी के कुंजाली कुट्टी आइसक्रीम पार्लर सेक्स स्कैंडल में फंसे। जेल हुई। 1994 में जालगांव रेप कांड में नेताओं,अफसरों और उद्योगपतियों का नाम आया। इस सेक्स कांड में हजारों लड़कियां शामिल थी।1983 में पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन तक रेप कांड में फंस चुके हैं। याद करिए बिहार में 1982 में हुए बाबी कांड। पंडित जी यानि जगन्नाथ मिश्रा मुख्यमंत्री थे और छींटे उनके दामन तक पहुंच गए थे। सचिवालय में काम करने वाली बाबी के साथ रिश्तों और हत्या में जगन्नाथ मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों की छीछालेदर हुई थी। पावर के जरिए मामला दबा दिया गया था पर जब हल्ला हुआ तो फिर से फाइल खोली गई। 1978 में जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम सेक्स स्कैंडल में फंसे। जनता पार्टी की सरकार थी। यूपी के बागपत जिले के एक गांव किरठल की सुषमा चौधरी के साथ उनकी नंगी तस्वीरें सुर्खियों में रहीं। तस्वीरें प्रकाशित की थी मेनका गांधी ने। इसी वजह से जगजीवन राम प्रधानमंत्री नहीं बन सके। ये वो किस्से हैं जो हवा में रवा रहे। पता नहीं कितने दबे रह गए। तमाम बद बदनाम होने से बच गए। पर इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आने वाले दौर में ना जाने किस-किसके बारे में शोर मचने वाला है क्योंकि चाहत के इस हमाम में तमाम नंगे नजर आते हैं। सब कुछ लुटाने का खतरा सिर पर मंडराता रहता है पर फिर इसी रास्ते पर। ठीक उसी कहावत को चरितार्थ करते हुए-हम नहीं सुधरेंगे
इस तरह के मामले दुनिया में अकेले नहीं है बल्कि इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के राजनेताओं ने सेक्स स्कैंडलों में नाम आने के बाद न सिर्फ पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरीं बल्कि उन्हें समय पूर्व अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा।
इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी,अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के बारे में तो इनके कार्यकाल के दौरान ही सेक्स संबंधों को लेकर जमकर हंगामा मचा। हाल में एक किताब में अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन ऍफ़ केनेडी के व्हाइट हाउस की पूर्व इंटर्न के साथ सेक्स संबंधों का खुलासा हुआ है।डेली मेल ने एक नए किताब के हवाले से कहा है कि अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ।केनेडी ने व्हाइट हाउस में एक महिला प्रशिक्षु के कौमार्य को भंग किया था। उन्होंने एक कमरे में इस महिला के साथ यौन सम्बन्ध बनाए। उस वक़्त इसी कमरे से कुछ फीट की दूरी पर व्हाइट हाउस के कर्मचारी काम खत्म होने के बाद आयोजित एक पार्टी में शराब पी रहे थे।
दादी बन चुकी मिमी अल्फोर्ड नाम की यह महिला अब 69 साल की हैं। मिमी ने बताया कि केनेडी उन्हें एक निजी दौरे के दौरान अपनी पत्नी के रूम में ले गए और वहां उन्होंने उनके साथ सेक्स किया।
इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी लगातार नाबालिग यौनकर्मियों के साथ अपने संबंधों और सेक्स पार्टियों के अपने शौक को लेकर आरोपों से घिरते रहे हैं। बर्लुस्कोनी पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग यौनकर्मियों के साथ संबंध बनाए और ऐसी पार्टियों का आयोजन किया जिनमें नग्नता का प्रचार होता था।
वर्ष 1998 में 17 अगस्त के दिनअमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने व्हाइट हाउस की एक पूर्व कर्मचारी मोनिका लेविंस्की के साथ अपने अनुचित रिश्तों की बात स्वीकार की थी। टेलीविज़न पर दिए अपने संदेश में उन्होंने इस पूरे मामले में अपनी ज़िम्मेदारी कबूल की।उन्होंने कहा था- वास्तव में मेरे मोनिका के साथ ऐसे संबंध थे, जो अनुचित थे, ग़लत थे।लेकिन कई महीनों तक बिल क्लिंटन इससे इनकार करते रहे कि उनके मोनिका लेविंस्की के साथ यौन संबंध हैं।
वर्ष 1998 में छह अगस्त को मोनिका लेविंस्की ने जूरी के सामने यह स्वीकार करके हलचल मचा दी कि 18 महीनों तक उनके और बिल क्लिंटन के रिश्ते रहे।बाद में क्लिंटन ने अपने संबंधों की बात स्वीकार की और देश की जनता के साथ-साथ अपनी पत्नी हिलेरी क्लिंटन से भी माफ़ी मांगी।
अगर ध्यान से देखा जाए तो ज्यादातर मामलों में महिलाओं की उच्च राजनीतिक और गैर राजनीतिक महत्वाकांक्षा ही है।
जिस तरह से इन सभी घटनाओं में पाया कि अतिमहत्वाकांक्षा कि परिणिति बेहद दुखदायी रही है।इन सबके लिए मात्र राजनीतिज्ञों को दोष नहीं दिया जा सकता है।कहीं न कहीं इन मामलों में महिलाओं ने भी सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन किया है।क्या यह सच नहीं है कि ज्यादातर मामलों में महिलाओं के द्वारा सम्बन्ध जानते बूझते बनाये गए थे। इन सभी मामलों में महिलाएं कहीं से भी अनजान नहीं थी।निश्चित तौर पर महिलाओं का ही शोषण हुआ है ,पर यह सब रोका भी जा सकता था ,अगर इन महिलाओं ने अगर इनके अंजाम को समझ लिया होता।महिलाएं अपनी महत्वाकांक्षा कि दौड़ में कहीं इतना न आगे निकल जायें जहाँ उन्हें इसकी कीमत अपनी अस्मत और जान से चुकानी पड़े।

विवेक मनचन्दा,लखनऊ

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