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नरेंद्र मोदी की मुश्किलें बढ़ा सकता है महिला जासूसी प्रकरण

मेरे विचार
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एक महिला वास्तुकार की अवैध जासूसी के मामले में घिरे गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।खोजी वेबसाइट गुलेल ने गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की उस महिला के साथ तस्वीरें जारी की हैं, जिसके बारे में उनके सहयोगी अमित शाह पर जासूसी करने के आरोप लगे हैं। इन तस्वीरों के मुताबिक नरेंद्र मोदी उस महिला को 2005 से ही जानते थे। गुलेल ने कुछ समय पहले मोदी के सहयोगी अमित शाह और निलंबित पुलिस अफसर जीएल सिंघल की फोन पर हुई बातचीत के टेप जारी किए थे, जिनमें अमित शाह इस महिला की जासूसी करवाते सुनाई दिए।
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कोबरापोस्ट और गुलेल ने गुजरात के पूर्व गृहमंत्री व मोदी के करीबी अमित शाह और एक आईपीएस अधिकारी के बीच हुई बातचीत के टेप जारी किए थे जिससे खुलासा हुआ था कि शाह ने किसी “साहेब” के इशारे पर एक महिला आर्किटेक्ट की अवैध रूप से जासूसी की गई थी। शर्मा ने कहा है कि उन्होंने ही 2004 में मोदी और 27 वर्षीय इस महिला आर्किटेक्ट की मुलाकात कराई थी।
सरकारी एजेंसियों द्वारा एक महिला की कथित गैर कानूनी जासूसी पर मोदी की चुप्पी को समझ पाना मुश्किल है। विभिन्न महिला संगठनों की मांग के बावजूद उन्होंने अपनी चुप्पी क्यों नहीं तोड़ी?
गुलेल डॉट कॉम की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तस्वीर महिला के पिता के उस दावे की हवा निकालती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिर्फ वे ही मोदी से परिचित थे और उन्होंने ही अपनी लड़की का ‘ध्यान’ रखने को कहा था जिसके बाद उसकी जासूसी शुरू की गई थी। गुलेल डॉट कॉम के मुताबिक, यह तस्वीर इस बात को साबित करती है कि अगस्त, 2009 में लड़की की जासूसी शुरू करने से पहले करीब पांच सालों से मोदी उस महिला को जानते थे। गुलेल डॉट कॉम ने आईएएस अफसर प्रदीप शर्मा के हलफनामे के हवाले से लिखा है, ‘मुख्यमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने हिल गार्डन प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के लिए कच्छ की यात्रा की थी। वे इसी दौरान महिला से पहली बार मिले थे। मोदी ने महिला से कहा था कि अगर उसके पास कोई सुझाव हो तो वह उनके निजी ईमेल आईडी पर भेज सकती है। मोदी ने उसे अपनी निजी ईमेल आईडी भी दी थी। बाद में उस महिला ने हिल गार्डन आने के लिए मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए ईमेल लिखा था। अक्टूबर, 2005 के शरद उत्सव तक दोनों के बीच ईमेल का आदान-प्रदान हुआ। महिला को शरद उत्सव पर्व में आने वाले मेहमानों के बीच तालमेल बिठाने की जिम्मेदारी दी गई। महिला को उसके काम के बदले मेहनताना भी दिया गया।’
जिस लड़की की जासूसी कराने के प्रकरण से आजकल नरेंद्र मोदी घिरे हुए हैं, उस लड़की के साथ मोदी की एक तस्वीर फेसबुक समेत सोशल मीडिया व वेब-ब्लाग पर घूमने लगी है। इस तस्वीर में आईएएस प्रदीप शर्मा भी दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस तस्वीर को शेयर करके एक दूसरे को बता रहे हैं कि “साहेब” इन्हीं की जासूसी करवा रहे थे।
यह तस्वीर तबकी है जिन दिनों आईएएस प्रदीप शर्मा कच्छ के कलेक्टर (कार्यकाल 2003 से 2005 तक) हुआ करते थे. अपने कार्यकाल के आखिर दिनों वर्ष 2005 के अक्टूबर महीने में कच्छ शरद उत्सव का आयोजन किया गया था. इसी आयोजन के दौरान की यह तस्वीर है जिसमें नरेंद्र मोदी और बेंगलोर की महिला आर्किटेक्ट एक साथ दिखाई रहे हैं।
निलंबित आईएएस प्रदीप शर्मा ने एक चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि लड़की से ही मुझे मोदी का पर्सनल फोन नम्बर मिला। ये नम्बर मिलना ही मेरे लिए मुसीबत का कारण बना। उन्होंने मोदी को शातिर मुख्यमंत्री करार देते हुए कहा कि पहले लड़की मेल के जरिए मोदी से बात होती थी। मोदी को लड़की की हर खबर थी। मोदी ने शक के चलते मुझे फंसाया।
अपनी याचिका में प्रदीप शर्मा ने कहा है कि गुजरात सरकार उन्हें निशाना बना रही है।उन्होंने कहा, “याची 2002 के दंगों के बाद से नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कई ग़लत कार्यों को सामने लानेवाले आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा के भाई हैं।”
याचिका में कहा गया, “दोनों भाइयों के बीच बेहद मज़बूत रिश्ते हैं और दोनों बचपन से ही एक दूसरे के क़रीब रहे हैं। कुलदीप शर्मा के प्रति पूर्वाग्रह पैदा करने के लिए ही याची को मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।”
महिला आर्किटेक्ट की जासूसी के मामले में महिला के पिता ने बयान जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने नरेंद्र मोदी से अपनी बेटी की रक्षा करने का आग्रह किया था। समाचार चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार प्रदीप शर्मा ने कहा है कि लड़की के पिता के पास और कोई विकल्प ही नहीं था।
इस पूरे प्रकरण में सच्चाई चाहे जो भी हो मगर बिना आग के धुँआ तो नहीं होता है। ऊँगली खुद मोदी कि तरफ उठ रही है तो ऐसे में उनकी चुप्पी मामले को और भी संदिग्ध ही बनाती है।
संघ और भाजपा के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि जासूसी मामले में पार्टी के अंदर भी मोदी की पीएम उम्मीदवारी को लेकर परोक्ष रूप से चर्चा होने लगी है। पिछले दो-तीन दिनों के अंदर चर्चा यहां तक पहुंच गई है कि इस प्रकरण से मोदी की लोकप्रियता पर कितना असर पड़ेगा। इस तरह की चर्चा के कारण संघ इस बात को लेकर सचेत हुआ कि कहीं मोदी के खिलाफ पार्टी के अंदर ही साजिश न होने लगे। खासकर ऐसे में जब पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आठ दिसंबर को आने वाले हैं। चुनाव नतीजे यदि उम्मीद के मुताबिक नहीं हुए तो पार्टी के अंदर भी मोदी विरोधी माहौल तैयार हो सकता है जो आगामी लोकसभा चुनाव के लिए घातक हो सकता है।

विवेक मनचन्दा,लखनऊ

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